सोमवती अमावस्या उद्यापन विधि - Somvati Amavasya Udyapan Vidhi Page 8/8

विसर्जन:-

विसर्जन के लिये हाथ में अक्षत , पुष्प लेकर मंत्र –उच्चारण के द्वारा विसर्जन करें-
स्वस्थानं गच्छ देवेश परिवारयुत: प्रभो ।
पूजाकाले पुनर्नाथ त्वग्राऽऽगन्तव्यमादरात्॥

क्षमा-प्रार्थना:-

दोनों हाथ जोड़कर भगवान से क्षमा प्रार्थना करें:-
आवाहनं न जानामि न जानामि तवार्चनम् ।
पूजां चैव न जानामि क्षमस्व परमेश्वर: ॥

आचार्य पूजन:-

तत्पश्चात् ब्राह्मण का पूजन करें । पूजन के बाद ब्राह्मण( (1या 1 से अधिक ब्राह्मण) को भोजन करायें । भोजन में अन्यभोज्य पदार्थों के साथ मालपूए एवं खीर अवश्य खिलायें ।

द्रव्यदान :-

भोजन के पश्चात् उन्हें निम्न मंत्र के द्वारा यथाशक्ति द्रव्य, वस्त्र आदि प्रदान करे:-
अमासोमव्रतस्येदं सम्पूर्णं फल हेतवे ।
वायनं द्वीजवर्याय सहिरण्यं ददाम्यहम्॥

ब्राह्मण की प्रार्थना:--

दोनों हाथ जोड़कर ब्राह्मण से प्रार्थना करें :-
यन्मया मनसा वाचा नित्यमात्मपूजन कृतम्।
सर्व सम्पूर्णतां यातु तद्विष्णोश्च प्रसादत: ॥
॥इति सोमवती अमावस्या उद्यापन विधि सम्पूर्णम॥