सोमवती अमावस्या उद्यापन विधि - Somvati Amavasya Udyapan Vidhi Page 6/8
धूप:-
मंत्र उच्चारण के साथ गंध समर्पित करें:-
वनस्पतिरसोद्भूतो गंधाढ़्यो गन्ध उत्तम ।
आघ्रेय: सर्व देवानां धूपोऽयं प्रतिगृह्यताम्॥
दीप:-
मंत्र उच्चारण के साथ घी का दीपक समर्पित करें:-
चक्षुर्दं सर्व देवानां तिमिरस्य निवारक ।
आर्तिक्य कल्पितं भक्त्या गृहाण जगदीश्वर ॥
नेवैद्य:-
मंत्र उच्चारण के साथ नैवेद्य समर्पित करें:-
भक्ष्यभोज्यलेह्यपेय चोष्यखाद्य मयाऽहृतम्।
प्रीतये परमेशस्यं दत्तं मे स्वीकुरु प्रभो ॥
दक्षिणा:-
मंत्र उच्चारण के साथ दक्षिणा समर्पित करें:-
हिरण्यगर्भं गर्भस्थं हेमबीजं विभावसो ।
अनन्तपुण्य फलदा मत्त शान्ति प्रयच्छ मे ॥
नीराजन:-
थाली में कपूर जलाकर विष्णु भगवान का आरती करें:-
त्वद्भासा भासते लोक: कोटिसुर्य समप्रभो।
नीराजयिष्ये त्वां विष्णो कृपाकुरु मम प्रभो ॥